अज़रबैजान का भारत में बहिष्कार, जानिए क्यों ट्रैवल कंपनियाँ और लोग कर रहे विरोध!

भारत में अज़रबैजान का बहिष्कार क्यों हो रहा है? जानिए इसके पीछे की पूरी सच्चाई

भारत में इन दिनों अज़रबैजान के बहिष्कार की चर्चा ज़ोरों पर है। लोग सोशल मीडिया पर अज़रबैजान के खिलाफ बोल रहे हैं, वहाँ घूमने का प्लान कैंसिल कर रहे हैं और कई कंपनियाँ भी अब अज़रबैजान से दूरी बना रही हैं। लेकिन आखिर ऐसा क्या हुआ कि भारत में अज़रबैजान को लेकर इतनी नाराज़गी है? आइए, इस लेख में आसान भाषा में पूरी जानकारी जानते हैं।


बात की शुरुआत कहाँ से हुई?

सब कुछ शुरू हुआ जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से। इस हमले में भारतीय जवान शहीद हुए। इसके जवाब में भारत ने एक सख्त सैन्य कार्रवाई की, जिसे ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया।

भारत के इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान ने इसका विरोध किया, और अज़रबैजान ने पाकिस्तान का समर्थन किया। अज़रबैजान के इस बयान ने भारत के लोगों को नाराज़ कर दिया। लोगों ने इसे भारत-विरोधी रवैया माना और इसके बाद ही #BoycottAzerbaijan ट्रेंड करने लगा।


सोशल मीडिया पर भारी विरोध

लोगों ने ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर अज़रबैजान के खिलाफ आवाज़ उठाई। लोग कहने लगे कि अब न वहाँ घूमेंगे, न वहाँ का सामान खरीदेंगे।


ट्रैवल कंपनियों ने की बड़ी घोषणा

भारत की दो बड़ी ट्रैवल कंपनियाँ — EaseMyTrip और MakeMyTrip — ने कहा कि वे अब अज़रबैजान के लिए यात्रा की सेवाएं नहीं देंगी। उन्होंने बताया कि अज़रबैजान की बुकिंग्स 60% घट गईं और 250% तक लोग अपनी ट्रिप कैंसिल कर रहे हैं।


ट्रांसपोर्ट और व्यापार पर असर

इंदौर ट्रक ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने भी अज़रबैजान से जुड़े सामान के ट्रांसपोर्ट पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि वे अब अज़रबैजान से कोई व्यापार नहीं करेंगे।


स्वदेशी संगठनों का समर्थन

स्वदेशी जागरण मंच (SJM) ने भी इस बहिष्कार का समर्थन किया है। उन्होंने सरकार से माँग की है कि अज़रबैजान पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाएँ और उससे रिश्तों की दोबारा समीक्षा की जाए।


अज़रबैजान को भारत से और शिकायत

एक और वजह है जिससे दोनों देशों के रिश्ते खराब हुए हैं — भारत ने अर्मेनिया को हथियार बेचे हैं, जो अज़रबैजान का दुश्मन देश है। अज़रबैजान ने इसे “अमित्रता भरा कदम” कहा है, लेकिन भारत ने साफ कह दिया कि वह अपनी विदेश नीति किसी और के दबाव में नहीं बनाएगा।


क्या आगे भी चलेगा बहिष्कार?

जिस तरह से आम लोग, कंपनियाँ और संगठन इस बहिष्कार में शामिल हो रहे हैं, ऐसा लगता है कि यह सिर्फ कुछ दिन की बात नहीं है। यह एक बड़ा सामाजिक और राजनीतिक संदेश बन गया है। भारत की जनता अब यह साफ कर रही है कि जो देश भारत के खिलाफ बोलेंगे, उन्हें भारत से कोई फायदा नहीं मिलेगा।


 

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